What's your go-to technique for Turning objections into opportunities during both sales and sponsorship conversation ?
सेल्स और स्पॉन्सरशिप के दौरान आपत्तियों (Objections) को अवसर (Opportunities) में बदलना एक महत्वपूर्ण कौशल है। जब कोई ग्राहक या संभावित टीम मेंबर किसी कारण से मना करता है या संदेह जताता है, तो यह वास्तव में आपके लिए उन्हें बेहतर समझने और उनके दृष्टिकोण से जुड़ने का एक अवसर बन सकता है।
मेरी सबसे प्रभावी तकनीक (My most effective Technique): "L.E.A.R.N" मॉडल
L.E.A.R.N का मतलब है:
1. L - Listen (ध्यान से सुनें)
2. E - Empathize (संवेदनशीलता दिखाएँ)
3. A - Ask Questions (सवाल पूछें)
4. R - Respond with Value (मूल्य के साथ जवाब दें)
5. N - Navigate to a Solution (समाधान की ओर मार्गदर्शन करें)
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1. L - ध्यान से सुनें (Listen Carefully):
जब कोई आपत्ति उठाता है, तो सबसे पहले उसे ध्यान से सुनना ज़रूरी है। अक्सर लोग सिर्फ यह महसूस करना चाहते हैं कि उनकी बात को गंभीरता से लिया जा रहा है।
गलती: तुरंत जवाब देने या बहस में पड़ने से बचें।
उदाहरण:
ग्राहक: "आपके उत्पाद बहुत महंगे हैं।"
आप (पहले सुनते हुए): "मैं समझता हूँ, आप कह रहे हैं कि कीमत आपकी चिंता का विषय है।"
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2. E - संवेदनशीलता दिखाएँ (Empathize):
उनकी आपत्ति को स्वीकार करें और यह दिखाएँ कि आप उनकी भावनाओं और चिंताओं को समझते हैं।
यह उन्हें सहज और सुरक्षित महसूस कराता है।
उदाहरण:
"मैं पूरी तरह समझ सकता हूँ कि आप अपने पैसे का सबसे अच्छा उपयोग करना चाहते हैं। मैं भी ऐसा ही सोचता हूँ!"
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3. A - सवाल पूछें (Ask Questions to Understand Deeper):
उनकी आपत्ति के पीछे की असली वजह जानने के लिए खुलने वाले सवाल पूछें। इससे आपको उनकी ज़रूरतें और प्राथमिकताएँ समझने में मदद मिलेगी।
उदाहरण:
"क्या आपने पहले ऐसे किसी उत्पाद का इस्तेमाल किया है?"
"अगर कीमत एक समस्या न होती, तो क्या यह उत्पाद आपकी ज़रूरतों को पूरा करता?"
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4. R - मूल्य के साथ जवाब दें (Respond with Value):
अब जब आपने उनकी असली चिंता को समझ लिया है, तो उन्हें यह दिखाएँ कि आपका उत्पाद या अवसर उनके लिए क्यों फायदेमंद है।
आप सीधे बिक्री की बजाय लाभ (Benefits) पर ध्यान दें।
उदाहरण (सेल्स में):
"मैं समझता हूँ कि यह थोड़ा महंगा लग सकता है, लेकिन यह उत्पाद आपको लंबे समय तक टिकाऊ परिणाम देगा, जिससे आपको बार-बार खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इससे अंत में आपके पैसे की बचत होगी।"
उदाहरण (स्पॉन्सरशिप में):
"मैं समझता हूँ कि आप समय को लेकर चिंतित हैं, लेकिन यह बिजनेस आपको अपने समय के मालिक बनने की स्वतंत्रता देगा, ताकि आप अपने शेड्यूल के अनुसार काम कर सकें।"
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5. N - समाधान की ओर मार्गदर्शन करें (Navigate to a Solution):
बातचीत को समाधान-उन्मुख (Solution-Oriented) बनाएं। ग्राहक या संभावित टीम मेंबर को निर्णय लेने में मदद करें, दबाव न डालें।
उदाहरण:
"अगर हम कोई विशेष डिस्काउंट या किफायती विकल्प देखें, तो क्या आप इसे आजमाने के लिए तैयार होंगे?"
"अगर मैं आपको दिखाऊँ कि आप इसे अपने व्यस्त समय में भी फिट कर सकते हैं, तो क्या आप इसमें रुचि लेंगे?"
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अधिकांश आम आपत्तियों पर प्रतिक्रिया (Common Objections and Responses):
1. आपत्ति: "यह बहुत महंगा है।" ( Products are costly )
जवाब:
"मैं समझता हूँ कि कीमत एक बड़ा फैक्टर हो सकती है। लेकिन क्या आप इस बात से सहमत होंगे कि गुणवत्ता और परिणाम भी महत्वपूर्ण हैं? हमारा उत्पाद आपको दीर्घकालिक लाभ देता है, जिससे बार-बार खरीदने की आवश्यकता नहीं होती।"
2. आपत्ति: "मेरे पास समय नहीं है।" ( I don't have Time )
जवाब:
"मैं समझ सकता हूँ कि आपका शेड्यूल काफी व्यस्त है। लेकिन यही तो इस बिजनेस की खूबी है – आप इसे अपने समय के हिसाब से चला सकते हैं, और धीरे-धीरे इसे अपने मुख्य आय स्रोत में बदल सकते हैं।"
3. आपत्ति: "मैं नेटवर्क मार्केटिंग में भरोसा नहीं करता।" ( I don't trust network marketing) .
जवाब:
"मैं आपकी चिंता समझ सकता हूँ। बहुत से लोग ऐसे ही महसूस करते हैं जब तक वे असल में इस बिजनेस मॉडल को अच्छे से नहीं समझते। क्या मैं आपको दिखा सकता हूँ कि Amway कैसे एक प्रतिष्ठित और स्थिर कंपनी के रूप में काम करती है?"
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निष्कर्ष (Conclusion):
आपत्तियाँ असफलता का संकेत नहीं हैं, बल्कि वे सीखने और विश्वास बनाने के अवसर हैं। जब आप लोगों की चिंताओं को ध्यान से सुनते हैं, संवेदनशीलता दिखाते हैं, और सही सवाल पूछते हैं, तो आप उन्हें इस तरह से मार्गदर्शन कर सकते हैं कि वे खुद आपके उत्पाद या बिजनेस के फायदे देख सकें। L.E.A.R.N मॉडल का पालन करके आप आपत्तियों को सफलता में बदल सकते हैं।
Story :
शीर्षक: "टूटी हुई नाव"
एक छोटे से गाँव में एक मछुआरा राघव अपनी पुरानी नाव से मछलियाँ पकड़कर गुजर-बसर करता था। एक दिन तेज़ आंधी-तूफ़ान में उसकी नाव बुरी तरह टूट गई। राघव परेशान हो गया—अब मछली पकड़ने का उसका एकमात्र साधन खत्म हो गया था। गाँव के लोग भी उसकी हालत पर अफ़सोस जताने लगे।
लेकिन राघव ने हार मानने के बजाय इसे एक अवसर के रूप में देखा। उसने सोचा, "अगर मैं नई और बड़ी नाव बनाऊँ, तो ज्यादा मछलियाँ पकड़ सकूँगा और उन्हें दूसरे गाँवों में भी बेच पाऊँगा।" उसने लकड़ी इकट्ठा की, कुछ उधार लिया और मेहनत से एक मजबूत और बड़ी नाव बनाई।
नई नाव से राघव ने न सिर्फ़ पहले से ज्यादा मछलियाँ पकड़ीं, बल्कि अब वह दूसरे गाँवों में भी व्यापार करने लगा। जल्द ही, राघव गाँव का सबसे सफल मछुआरा बन गया। जो समस्या कभी उसकी सबसे बड़ी मुश्किल थी, वही उसके जीवन का सबसे बड़ा मौका बन गई।
संदेश: हर समस्या अपने साथ एक नया अवसर लेकर आती है। बस नज़रिए को बदलने की ज़रूरत होती है।
Story English
Title: "The Broken Bridge"
In a small village, there was only one bridge connecting it to the neighboring town. One day, a fierce storm destroyed the bridge, cutting the villagers off from essential supplies and trade. Panic and frustration spread—how would they survive without access to the town?
While everyone complained about the disaster, a young carpenter named Aiden saw an opportunity. He proposed not just fixing the bridge, but building a stronger, wider one that could support carts and even attract traders from distant towns. At first, people doubted him, seeing only the immediate problem. But Aiden persisted, gathering volunteers and resources.
Months later, the new bridge was completed. It didn’t just restore the old connection; it opened the village to new markets, bringing prosperity no one had imagined before the storm. The obstacle had become a stepping stone to growth.
Moral: Problems and objections often hide opportunities for those willing to look beyond the immediate challenge.
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