Sunday, 25 May 2025

हज़रत बीबी फातिमा ज़हरा (रज़ि.) रसूल अल्लाह हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.) की प्यारी बेटी थीं.. उनकी सीरतें

हज़रत बीबी फातिमा ज़हरा (रज़ि.) रसूल अल्लाह हज़रत मुहम्मद (स.अ.व.) की प्यारी बेटी थीं। आपकी ज़िन्दगी पूरी उम्मत के लिए एक आदर्श है। आइए जानते हैं आपकी 10 महान सीरतें ...

1. तक़वा (परहेज़गारी / अल्लाह से डरना)

बीबी फातिमा रज़ि. अल्लाह से डरने वाली और उसकी रज़ा के लिए जीने वाली थीं।
उदाहरण: आप रात भर इबादत करती थीं, यहाँ तक कि पैरों में सूजन आ जाती थी।

2. सब्र (धैर्य)

आपने ज़िन्दगी में कई कठिनाइयाँ सही, लेकिन कभी शिकायत नहीं की।
उदाहरण: अपने वालिद (पिता) की वफ़ात के बाद भी आप सब्र की मिसाल बनी रहीं।

3. ख़िदमतगारी (सेवा भाव)

आपने अपने शौहर, बच्चों और घर की सेवा को इबादत समझकर किया।
उदाहरण: आप अपने हाथों से आटा पीसतीं, चूल्हा जलातीं और हर किसी का ख्याल रखती थीं।

4. इल्म की तलब (ज्ञान की प्यास)

आप इल्म और हिकमत से भरपूर थीं। आपने रसूल अल्लाह से सीखा और दूसरों को भी सिखाया।
उदाहरण: बीबी फातिमा की दुआएँ और खुतबे आज भी इल्म का ख़ज़ाना हैं।

5. शर्म व हया (लज्जा और मर्यादा)

आप शर्म व हया की सबसे ऊँची मिसाल थीं।
उदाहरण: आपने वसीयत की थी कि मेरा जनाज़ा पर्दे में उठाया जाए।

6. इबादतगुज़ारी (भक्ति और नमाज़ी होना)

आप पूरी तरह इबादत में लीन रहने वाली थीं।
उदाहरण: आप ताहज्जुद की नमाज़ कभी नहीं छोड़ती थीं।

7. सिद्क (सच्चाई और ईमानदारी)

आप पूरी तरह सच्ची और ईमानदार थीं।
उदाहरण: आपके जीवन में झूठ और धोखे का कोई स्थान नहीं था।

8. इंसाफ़पसंदी (न्यायप्रियता)

आप हर काम में इंसाफ़ से काम लेती थीं, चाहे वह खुद के खिलाफ़ ही क्यों न हो।

9. फ़क़्र व क़नाअत (सादगी और संतोष)

आपने कभी दुनिया की चकाचौंध की चाह नहीं की।
उदाहरण: आपकी शादी बेहद सादगी और तौहीद से भरी हुई थी।

10. उम्मत के लिए दुआ (दया और संवेदनशीलता)

आप हमेशा पहले दूसरों के लिए दुआ करती थीं, फिर अपने लिए।
उदाहरण: हज़रत हसन रज़ि. ने पूछा, “अम्मी, आप अपने लिए दुआ नहीं करतीं?”
आपने जवाब दिया: “पहले पड़ोसी, फिर खुद।”

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