Saturday, 17 May 2025

"जब आपका अपलाइन बार-बार आपको बदलने की बात करता है"


"जब आपका अपलाइन बार-बार आपको बदलने की बात करता है"

1. बदलाव की सलाह एक मौका है, न कि अपमान

जब आपका अपलाइन बार-बार आपको बदलने की बात करता है, तो पहली प्रतिक्रिया अक्सर होती है — “वो मुझसे खुश नहीं है”, “वो मेरी आलोचना कर रहा है।”
लेकिन सच्चाई यह है कि बदलाव की सलाह एक अवसर है, एक दिशा है जिसे अगर समझदारी से अपनाया जाए तो वह आपको सफलता की ओर ले जा सकती है।

महान व्यक्ति का उदाहरण:

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को जब इसरो में काम मिला, तो उनके वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने उनकी प्रेजेंटेशन स्किल्स को "कमजोर" बताया। पहले तो उन्हें बुरा लगा, लेकिन उन्होंने उस फीडबैक को अपनाया, और एक महान लीडर और मोटिवेशनल स्पीकर बने।
अगर वो अपसेट होकर सलाह को नजरअंदाज़ कर देते, तो शायद देश को वो प्रेरणास्रोत न मिल पाता।

सीख:

 "Feedback को Personal Attack न समझें। वह आपकी अगली उड़ान का रनवे हो सकता है।"

2. आत्मचिंतन करें – क्या वाकई बदलाव की जरूरत है?

हर बार अपलाइन जो कह रहा है, उस पर गहराई से सोचिए। क्या उसमें कुछ सच्चाई है? क्या आपका व्यवहार, संचार, अनुशासन या मेहनत वाकई उस लेवल पर है, जो सफलता के लिए जरूरी है?

बातों को नकारने से पहले आत्ममंथन करें।

छोटा सा अभ्यास:

एक कागज़ पर लिखिए:
"मेरे 3 ऐसे गुण कौन-से हैं जो मुझे आगे बढ़ा रहे हैं?"
"मेरे 3 ऐसे व्यवहार कौन-से हैं जो मुझे पीछे खींच रहे हैं?"

यह लेखन अभ्यास आपको खुद का आईना दिखा सकता है।

प्रेरक कहानी:

विवेक बिंद्रा जब संघर्ष कर रहे थे, तो उनके मेंटर ने कहा – “तुम सुनते तो हो, लेकिन अमल नहीं करते।”
पहले यह बात उन्हें बुरी लगी, लेकिन जब उन्होंने आत्मचिंतन किया, तो पाया कि वो सच में सिर्फ सुन रहे थे, implement नहीं कर रहे थे।
आज वो लाखों लोगों के प्रेरणास्त्रोत हैं क्योंकि उन्होंने feedback को ego नहीं, mirror समझा।

3. उन्नति का रास्ता आलोचना से होकर ही गुजरता है

कोई भी महान लीडर बिना feedback के आगे नहीं बढ़ता। कंस्ट्रक्टिव आलोचना आपको मज़बूत बनाती है, बशर्ते आप उसे अपनाने का नजरिया रखें।

महान व्यक्ति का उदाहरण:

महात्मा गांधी को उनके दोस्तों ने कहा था – “तुम बहस में बहुत डरते हो, तुम वकील कैसे बनोगे?”
उन्होंने इसे आलोचना नहीं, एक challenge की तरह लिया और खुद को ट्रेन किया।
वही व्यक्ति बाद में ब्रिटिश हुकूमत के सामने डटकर खड़ा रहा, और आज दुनिया उन्हें "महान आत्मा" के रूप में जानती है।

सीख:

> "जो आपकी कमज़ोरी बताता है, वह आपका विरोधी नहीं, असली मार्गदर्शक हो सकता है।"

4. संवाद करें – अपलाइन से खुलकर बात कीजिए

अगर आपको लगता है कि अपलाइन का व्यवहार लगातार आपको हतोत्साहित कर रहा है या वह केवल कमियाँ गिनवाता है, तो सम्मानपूर्वक संवाद करना जरूरी है।

संवाद समाधान की कुंजी है।
कभी-कभी अपलाइन का इरादा सही होता है, पर तरीका कठोर हो सकता है। अगर आप अपने मन की बात कहेंगे, तो रिश्ता भी बचेगा और समझ भी बढ़ेगी।

संवाद कैसे करें:

बातचीत का सही समय चुनें

बात की शुरुआत करें: “मैं आपकी सलाह की कद्र करता हूँ, पर मैं आपसे ये भी समझना चाहता हूँ कि आप किन बदलावों की अपेक्षा रखते हैं।”

खुले दिल से सुनें, बिना बहस के

प्रेरक उदाहरण:

धीरूभाई अंबानी जब अपने बड़े बेटे मुकेश को सलाह देते थे, तो कई बार वो बहुत कठोर होते थे।
मुकेश को लगता था कि उन्हें समझा नहीं जा रहा।
एक बार उन्होंने calmly पूछा:
“पापा, आप मुझसे क्या बदलवाना चाहते हैं?”
उस बातचीत ने उनकी सोच को स्पष्ट किया और मुकेश आज एशिया के सबसे सफल बिजनेसमैन हैं।

निष्कर्ष: अपलाइन का टोकना, आपकी तरक्की की घंटी हो सकता है

आपका अपलाइन आपको बार-बार बदलने की सलाह देता है, तो उसे अपमान नहीं समझें। यह संकेत है कि आप में संभावना है, इसलिए वह आपको और बेहतर देखना चाहता है।

क्या करें?

Feedback को खुले मन से लें

Self-Check करें कि क्या बदलाव वाकई जरूरी हैं

Criticism को Growth की सीढ़ी बनाएं

Calm और Respectful संवाद करें

याद रखिए:

> "बिना बदलाव के न प्रगति होती है, न पहचान।
और जो आपको बदलना चाहता है, वो आपका शत्रु नहीं, भविष्य का शिल्पकार हो सकता है।"
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